कई बड़ी कंपनियों और संस्थानों ने किसानों का हाथ थामकर उन्हें प्रगति की राह दिखाई है. ग्रामीण फाउंडेशन (Grameen Foundation) और वॉलमार्ट (Walmart social initiative) के बीच हुई साझेदारी इसी दिशा में अहम कदम है.
वॉलमार्ट फाउंडेशन ने 2 मिलियन डॉलर का दिया ग्रांट
ग्रामीण फाउंडेशन (Grameen Foundation) ने वॉलमार्ट फाउंडेशन (Walmart Foundation) के समर्थन से मार्केट एक्सेस ई-एनेबल्ड बाय डिजिटल इनोवेशन इन इंडिया (MANDI) प्रोजेक्ट के दूसरे चरण (IInd Phase) को लॉन्च किया. इस प्रोजेक्ट के लिए वॉलमार्ट फाउंडेशन ने 2 मिलियन डॉलर का ग्रांट दिया (2 million dollar grant given by Walmart).
Image Credits: Passionate In Marketing
MANDI-II का लक्ष्य किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की क्षमताओं को बढ़ाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में छोटे किसानों, ख़ासकर महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है, जिससे वह आर्थिक आज़ादी (financial freedom) हासिल कर सकें.
MANDI परियोजना के पहले चरण में, बाजार लिंकेज (market linkage) तक पहुंच दी गई थी. वित्त, डेटा और प्रौद्योगिकी (technology) तक पहुंच को आसान बनाकर, महिला शेयरधारक भागीदारी को बढ़ाया गया था. पूर्वी उत्तर प्रदेश में 40 FPO की कैपेसिटी बिल्डिंग (capacity building) की गई थी. ग्रामीण द्वारा मंडी प्रोजेक्ट (MANDI Project) के चरण I में हासिल की गई सफलता को कुछ ऐसे मापा जा सकता है-
महिला भागीदारी में हुई बढ़ोतरी
FPO में 8,300 से ज़्यादा महिलाओं को नए सदस्यों के रूप में जोड़ा गया; 40 FPO में से 18 में अब कम से कम 40% महिला सदस्यता (female members in FPO) है, जबकि बेसलाइन (baseline) पर यह 12.5% ही थी. कुल 142 स्वयं सहायता समूहों (self help groups) को 25 FPO के साथ जोड़ा गया. जेंडर इन्क्लूसिव वैल्यू चैन (gender inclusive value chain) की शुरुआत की गई. जैसे मोरिंगा, मिर्च, औषधीय पौधे और डेयरी के साथ-साथ उत्पादन श्रृंखलाएं भी स्थापित की गई हैं.
एग्रो-टेक्नोलॉजी को अपनाने में की मदद
FPO द्वारा अपनाई गई 14 कृषि प्रौद्योगिकियों (agricultural technologies) से लगभग 9,600 किसानों को लाभ हुआ. इन तकनीकों में डिजिटल, जलवायु-स्मार्ट (climate-smart) और महिला-अनुकूल (female friendly) समाधान शामिल हैं जैसे आरडब्ल्यूसीएम, राइस डॉक्टर, राइस एक्सपर्ट, वंडर पाइप्स, डिबलर्स, कोनो वीडर, मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए फसल अमृत, बायो सॉइल्ज़ और नैनो यूरिया. इसके अलावा, 27 FPO के 1,200 किसानों ने डायवर्सिफिकेशन और क्लाइमेट-स्मार्ट कृषि प्रथाओं (Climate-Smart Agricultural Practices) के ज़रिये बायोफोर्टिफाइड जिंक गेहूं और बीटा कैरोटीन युक्त गाजर को अपनाया.
Image Credits: Reuters
मार्केट लिंकेज तक मिली पहुंच
सभी 40 FPO का टोटल सेल्स टर्नओवर (sales turnover) INR 46 मिलियन (USD 580,000) से बढ़कर INR 153 मिलियन (USD 1.9 मिलियन) हुआ, जो दर्शाता है कि FPO ने मार्केट लिंकेज (FPO market linkage) बनाये हैं. एफपीओ ने स्टेपल फसलों (staple crops) से कैश फसलों (cash crops) की ओर रुख किया, चयनित वैल्यू चेन्स (value chain) में मूल्य जोड़ा और डेटा-आधारित बिज़नेस निर्णय लिए. रेगुलेटरी ज़रूरतों को पूरा करने में FPO का समर्थन करने के लिए, ग्रामीण ने APMC लाइसेंस वाले 22 एफपीओ और एक्सपोर्ट लाइसेंस (export license) वाले 26 एफपीओ का समर्थन किया.
फाइनेंशियल मज़बूती का सफ़र हुआ आसान
एफपीओ ने पेड-अप कैपिटल (paid-up capital) में 112% की बढ़ोतरी देखी. इसके अलावा, 29 एफपीओ को सार्वजनिक या निजी फाइनेंसिंग योजनाओं (financing scheme) से जोड़ा गया, जिससे उन्हें वित्तीय संसाधनों तक पहुंचने में मदद मिली.
Image Credits: Rural Voice
MANDI प्रोजेक्ट का दूसरा चरण बढ़ाएगा सस्टेनेबिलिटी और लचीलापन
MANDI परियोजना का दूसरा चरण पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में FPO की सस्टेनेबिलिटी (sustainability) और लचीलेपन (flexibility) को बढ़ाने पर ध्यान देगा. 24 महीने में हब और स्पोक मॉडल के ज़रिये 50 एफपीओ को शामिल किया जाएगा, जिसमें कम से कम 40% महिला किसान शामिल होंगी. 35,000 किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है.
MANDI के दूसरे चरण में प्रोडक्शन (production) में विविधता लाने और किसानों की आय में सुधार करने के लिए 'एक-खेत' अप्रोच (one farm approach) भी अपनाई जाएगी.
वॉलमार्ट फाउंडेशन (Walmart Foundation) की वाईस प्रेजिडेंट और चीफ प्रोग्राम ऑफिसर जूली गेहरकी (Julie Gehrki, Vice President, Chief Operating Officer) ने कहा, "हम भारत के कृषि (agriculture) क्षेत्र को आगे बढ़ाने में छोटे किसानों की क्षमता में विश्वास करते हैं. इस परियोजना के ज़रिये हमारा लक्ष्य किसानों को उनकी आजीविका में सुधार करने और उनके समुदायों के लिए स्थायी भविष्य बनाने के लिए ज़रूरी उपकरण, संसाधन और बाजार पहुंच प्रदान करना है."
परियोजना पर टिप्पणी करते हुए, ग्रामीण फाउंडेशन इंडिया की चीफ प्रोग्राम ऑफिसर, भारती जोशी (Ms. Bharati Joshi, Chief Program Officer of Grameen Foundation India) ने कहा, “मंडी का दूसरा चरण पहले चरण की सफलताओं से जुड़ा है और छोटे किसानों की आय बढ़ाने और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा."
Image Credits: CSRBox
MANDI II परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में छोटे और सीमांत किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में अहम भूमिका निभाएगी. FPO को सशक्त बनाकर, यह पहल किसानों की आय में वृद्धि कर, आजीविका में सुधार करेगी और सस्टेनेबल कृषि पद्धतियों (sustainable farming practices) को बढ़ावा देगी.